नज़र, जादू का बेजोड़ इलाज
पूरा वाकया ध्यान से पढ़े
एक साहब ओर उन की बीवी पर किसी जादूगर ने इन्तेहाई सख्त जादू का वार किया ! इस जादू पर वह बाकायदा वह पहरा भी दिया करता था की किसी आलिम को उस का तोड़ न करने देता. वह साहब फरमाते है की उन की बीवी हमल ही नहीं ठहरता और अगर ठहर भी जाए तो ख़राब हो जाता अगर किसी तरीके से 9 माह पूरे होते तो बच्चे की पैदाइश मुर्दा हालत में होती. वेसे तो ये साहब पांच वक्ता नमाज़ी और कुरान पड़ने वाले थे और मदरसे में बच्चो को कुरान की तालीम देते थे. बहुत इलाज करवाया बड़े से बड़े आलिम से इलाज करवाया एडी चोटी का जोर लगा दिया मगर कोई फायदा नहीं हुआ.
फिर एक दिन नेक और बाअमल आलिम के पास जाना हुआ. ये साहब इस्तेखारा करने के लिए मशहूर थे. ये साहब उन की खिदमत में हाज़िर हुए. मोलवी साहब ने बताया की ये किसी आम जादूगर का वार नहीं था बल्कि ये तो जादू की दुनिया का इन्तेहाई गलत और माहिर जादूगर है और ये मेरे बस का नहीं है. फिर उन साहब ने मोलवी साहब से पूछा की इस का क्या हल है मोलवी साहब ने बताया की इस का तोड़ तो उस जादूगर जैसे या फिर वो ही कर सकता है. तब उन्होंने बताया की सिंध में फलां शहर में फलां गाव में वो जादूगर खबीस उल एन रहता है तुम उस से मिलो.
ये जनाब फ़ौरन सिंध रवाना हो गए ओर जैसे ही उस गाँव के बाहर
पहुंचे दूर से ही एक आग का दहकता हुआ अलाव जलता दिखाई दिया। उन्होंने उसकी
तरफ बढ़ना शुरु किया। दूर से देखते हैं कि एक आदमी आग के पास बैठा हुआ है
ओर आसपास उससे मिलने वालों का जमघट लगा हुआ है। अभी उसके नज़दीक भी नही आये
थे कि अचानक वो शख्स उछल कर खड़ा हो गया और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा कि वो
देखो आ गया जादू का डसा, वो आ गया क़ुरआन पड़ने वाला। ये साहब उसके पास
पहुंचे और अपना मसला पेश किया। अब वो खबीस उल एन जादूगर खुशी से उछल पड़ा और
नाचने लगा ओर कहने लगा ,"जाओ फलां के पास, जाओ फलां के पास, ये गिरह जो
लगी है खुलवाओ अपने मौलवियो से"। गरज़ ये उस जादूगर ने उन साहब के साथ साथ
सभी मोलवियों को भी बुरा भला कहा और जादू तोड़ने से इन्कार कर दिया।
ये
साहब वापस आये और अपने रब को पुकारा ऐ अल्लाह ये भी मख़लूक़ है तू चाहे तो
क्या नही कर सकता , ये ज़ालिम मुझ पर ग़ालिब आ गए हैं और ज़ुल्म करने से बाज़
नही आ रहे हैं। उन्होंने रो धोकर अल्लाह के हज़ूर माफ़िया मांगी और तब अल्लाह
पाक उनके दिल मे ख्याल डाला कि जादू का तोड़ तो अल्लाह पाक ने क़ुरआन पाक
में ही बता रखा है जब नबी ए पाक पैगम्बर मोहम्मद सल्लाहु अलैहे वसल्लम पर
जादू किया गया था तो अल्लाह पाक ने "सूरह फलक" ओर "सूरह नास" के ज़रिये उस
जादू को खत्म किया था तो क्यों ना में भी इन आयतों से ही इस को खत्म
करूं।
अब इन्होंने अल्लाह का नाम लिया और उसी रात
से बावज़ू होकर मस्जिद में जाकर इन आयात को पढ़ना शुरू कर दिया। ये पूरी रात
पढ़ते रहे और वक़्त निकाल कर दिन में भी पढ़ते रहते। हर वक्त बावज़ू रहने लगे।
गालिबन छ्टे दिन रात को ऊंघ लगी और अचानक खून की पूरी बाल्टी जैसे किसी ने
उन पर गिरा दी हो ये बहुत हैरान हुए फिर जैसे तैसे उठे और अपने आप को पाक
साफ किया ओर फिर घर पहुंचे वहां जाकर पता चला कि ये वाकया उनकी बीवी के साथ
भी पेश आया था और वो भी बहुत घबराई हुई थी। उन्होंने बीवी को दिलासा दिया
कि घबराओ नही कुछ ना कुछ तो हो ही रहा है इंशाअल्लाह अल्लाह सब बेहतर करेगा
और फिर हिम्मत जुटाकर अमल में जुट गए। नवें दिन ये वाकया फिर पेश आया कि
उन पर खून की बाल्टी गिरा दी गई। फिर भी हिम्मत ना तोड़ी ओर पढ़ना जारी रखा।
तेरहवें
दिन सुबह के वक़्त वही सिंध वाला जादूगर ख़बीस उल एन मस्जिद में दाखिल हुआ
और आते ही पैरों में गिर कर माफियां मांगने लगा। उन साहब ने जादूगर से कहा
कि तू मुझ से क्यों माफियां मांग रहा है, कहने लगा अल्लाह के वास्ते मुझे
माफ़ कर दीजिए फिर बताऊंगा। इन्होंने माफकर दिया फिर वजह पूछी। कहने लगा कि
आप पर ओर आप की बीवी पर जादू में ने किया था जब आप मस्जिद में अमल करने
बैठे तो में भी आप के मुकाबले पर बैठ गया ओर रोज़ाना मेरा किया हुआ जादू मुझ
पर उल्टा पड़ने लगा और मेरे मुवक्किल मेरे दुश्मन हो गए। ये साहब फरमाने
लगे कि अगर ये बात तू ने मुझे पहले बता दी होती तो में तुझे माफ नही करता।
बहरहाल जादूगर माफी मांग कर अपनी जान बचाकर वापस सिंध लौट गया क्योंकि अगर
वो उसको माफ नही करते तो वो अपनी जान से हाथ धो बैठता। उन्होंने अल्लाह का
शुक्रिया अदा किया और जादूगर की माफीनामे पर भरोसा ना करते हुए इकतालीस दिन
मुकम्मल अमल पूरा किया और उसकी बदौलत अल्लाह ने उन्हें सेहतमंद औलाद अता
फरमाई ओर हमेशा के किये जादू ओर बदनज़र से आज़ाद हो गए।
जादू का क़ुरआनी इलाज :-
क़ुरआन
पाक की आखरी दो सूरते सूरः नास ओर सूरः फ़लक़ जादू बदनज़र के इलाज में मगज़ की
हैसियत रखती हैं। इन्हें सुबह-शाम 11-11 बार पड़ना चाहिए और पढ़ कर बच्चों
पर दम करना चाहिए।
इन्ही आयात के पढ़ने से हज़ूर ए अकरम सल्लल्लाहु अलैह वसल्लम को जादू से शिफा मिली।
जज़ाकुमुल्लाह।
http://alseenalbasheer.blogspot.com/2017/05/surah-al-falak-surah-naas-hindi.html