1400 साल पहले पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद ﷺ जानते थे कि लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करेंगे और कुछ लोग इसका गलत भी इस्तेमाल करेंगे।
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने 1400 साल पहले ही अपने नबी को ख्वाब के ज़रिए बता दिया था कि एक ऐसा वक्त आएगा कि जब ऑनलाइन सोशल नेटवर्क होगा और कुछ लोग होंगे जो इसका इस्तेमाल गलत तरीके से करेंगे। उस वक्त शायद सहाबा नही समझ सके होंगे कि जो नबी ने बताया है वो कैसे पॉसिबल होगा लेकिन वो यकीन रखते थे अल्लाह और उसके रसूल पर। नीचे जो हदीस मैंने लिखी है उसके एक हिस्से से में आप को समझाता हूँ कि कैसे ये बात साबित होती है।
इस हदीस में नबी ए पाक अपने सहाबा को अपना एक ख्वाब बयान फरमाते हैं जिसके एक हिस्से में आसमानी सफर में गुज़रते हुए को एक शख्स को देखते हैं जिसके जबड़े, नथुने और आंख को गुद्दी तक चीरा जा रहा था, यह वह है जो सुबह घर से निकलकर झूट बोलता है और वो झूठ दुनिया में फैल जाता है। दोस्तों ये ही वो निशानी है जिस से ये बात साबित होती है। आज के दौर में लाखों, करोड़ो लोग यूट्यूब, फेसबुक ओर दूसरे सोशल नेटवर्क प्लेटफार्म पर अपने लाइक बढ़ाने के लिए, पैसे कमाने के लिए हर रोज़ झूटे ओर फ़र्ज़ी वीडियो बनाकर डालते हैं और ये झूटे फ़र्ज़ी वीडियो एक ही दिन में सारी दुनिया मे फेल जाते हैं, जिनके व्यूज करोड़ो अरबो में होते हैं एक तरीके से ये वो झूट है जो बहुत जल्द सारी दुनिया मे फेल गया। दोस्तो नबी ए पाक के दौर में सेकड़ो सालो तक ये पॉसिबल नही था कि सुबह कोई शख्स झूट बोले ओर वो झूट सारी दुनिया मे फेल जाए। अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने उस वक्त ही नबी ए पाक को इस दौर की बात बता दी थी। इसलिए हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि हमारा शुमार उन लोगो मे ना हो जिन्हें इस तरह की दर्दनाक सज़ा दी जा रही थी। हमे इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि किसी भी वीडियो या मैसेज को जब तक आप तस्दीक ना करले या करवाले तब तक शेयर ना करें और ऐसा करने वाले लोगो से परहेज़ करें। अल्लाह पाक आप को ओर हम सब को अमल की तौफीक अता फरमाये। नीचे पूरी हदीस है एक बार जरूर पढ़ें। जज़ाकुमुल्लाह।
बात समझ मे आई हो तो like ज़रूर करें और अगर मुझ से कोई गलती हुई हो तो अपनी राय पेश करें।
हज़रत समुरा बिन जुंदुब (रज़ि) फरमाते हैं कि रसूलुल्लाह अक्सर अपने सहाबा से फरमाते थे की तुम में से किसी ने कोई ख्वाब देखा है ? जो कोई ख्वाब बयान करता तो आप उसकी ताबीर इर्शाद फरमाते। एक सुबह रसूलुल्लाह ने इर्शाद फरमाया की रात को मैंने ख्वाब देखा है कि दो फरिश्ते मेरे पास आए और मुझे उठाकर कहा, हमारे साथ चलिए। में उनके साथ चल दिया। एक शख्स पर हमारा गुज़र हुआ जो लेटा हुआ है और दूसरा उसके पास पत्थर उठाए हुए खड़ा है और वह लेटे हुए शख्स के सर पर ज़ोर से पत्थर मारता है जिसकी वजह सर कुचल जाता है और पत्थर लुढक कर दूसरी और चला जाता है। दूसरा शख्स जाकर पत्थर उठाकर लाता है उसके वापस आने से पहले पहले शख्स का सर फिर से पहले जैसा सही सलामत हो जाता है और ये सबकुछ बार होता है। मैंने उन दोनों से ताज्जुब से कहा, सुब्हानलल्लाह ये दोनों शख्स कौन हैं? (और ये क्या मामला हो रहा है) उन्होंने कहा आगे चलिए। हम आगे चले, हमारा गुज़र एक शख्स पर हुआ जो चित लेटा हुआ है और एक शख्स उसके पास ज़ंबुर (लोहे की कीलें निकालने वाला आला) लिए खड़ा है, जो लेटे हुए शख्स के चेहरे के एक जानिब आकर उसका जबड़ा, नथुना और आंख गुद्दी तक चीरता चला जाता है फिर दूसरी जानिब भी उसी तरह करता है, अभी यह दूसरी जानिब से फारिग भी नही होता कि पहली जानिब बिल्कुल सही हो जाती है। और वह उसी तरह करता रहता है। मैंने उन दोनों से कहा सुब्हानलल्लाह ये दोनों शख्स कौन हैं? उन्होंने कहा चलिए, आगे चलिए। हम आगे चले तो एक तन्नूर के पास पहुंचे, जिसमे बड़ा शोर व गुल हो रहा है। हमने उसमे झांक कर देखा तो उसमें बहुत से मर्द ओर औरत नंगे हैं, उनके नीचे से एक आग का शोला आता है, जब वह उनको अपनी लपट में ले लेता है तो वो चीखने लगते हैं। मैंने उन दोनों से पूछा, ये कौन लोग हैं ? उन्होंने कहा चलिए आगे चलिए। हम आगे चले, एक नहर पर पहुंचे जो खून की तरह सुर्ख थी और उसमें एक शख्स तैर रहा था और नहर के किनारे दूसरा शख्स था जिसने बहुत से पत्थर जमा कर रखे थे, जब तैरने वाला शख्स तैरते हुए उसके नज़दीक आता तो जिसने पत्थर जमा किये हुए हैं, तो ये शख्स अपना मुँह खोल देता किनारे वाला शख्स उसके मुँह में पत्थर डाल देता जिसकी वजह से वह दूर चला जाता है, और ये सिलसिला चलता रहता है। मैंने उन दोनों से पूछा, ये कौन लोग हैं ? उन्होंने कहा चलिए आगे चलिए। हम आगे चले तो बदसूरत आदमी तुमने देखे होंगे उन सबसे ज़्यादा बदसूरत आदमी के पास से हम गुज़रे, जिसके पास आग जल रही थी जिसको वह भड़का रहा था और उसके चारों तरफ दौड़ रहा था। मैंने उनसे पूछा ये शख्स कौन है ? उन्होंने कहा आगे चलिए। फिर हम एक ऐसे बाग मैं पहुंचे जो हरा भरा था और उसमें मौसमे बहार के तमाम फूल थे। उस बाग के दर्मियान एक बहुत लम्बे साहब नज़र आये। उनके बहुत ज़्यादा लम्बे होने की वजह से मेरे लिए उनके सर को देखना मुश्किल था, उनके चारों तरफ बहुत सारे बच्चे थे। इतने ज़्यादा बच्चे मैंने कभी नही देखे। मैंने पूछा यह कौन हैं और ये बच्चे कौन हैं। उन्होंने कहा चलिए आगे चलिए। हम आगे चले और एक बड़े बाग में पहुंचे, मैंने इतना बड़ा खूबसूरत बाग कभी नही देखा। उन्होंने कहा इसके ऊपर चढ़िए। हम उस पर चढ़े और ऐसे शहर के करीब पहुंचे जो इस तरह बना हुआ था कि उसकी एक ईंट सोने की थी और एक ईंट चांदी की थी। हम शहर के दरवाजे के पास पहुंचे और उसे खुलवाया। वह हमारे लिए खोल दिया गया। हम उसमे ऐसे लोगों से मिले जिन के जिस्म का आधा हिस्सा इतना खूबसूरत था कि तुम ने इतना खूबसूरत न देझा होगा और आधा हिस्सा इतना बदसूरत था कि इतना बदसूरत तुमने ना देखा होगा। उन दोनों फ़रिशतो ने उन लोगों से कहा जाओ उस नहर मैं कूद जाओ। मैने देखा सामने एक चौडी नहर बाह रही है जिसका पानी दूध जैसा सफेद है। वे लोग उसमेँ कूद गए फिर जब वो हमारे पास वापस आए तो उनकी बदसूरती खत्म हो चुकी थी, और वो बहुत खूबसूरत हो चुके थे। दोनों फरिश्तों ने मुझसे कहा, ये जन्नते अदन है और यह आपका घर है। मेरी नज़र ऊपर उठी, तो मैंने सफेद बादल की तरह एक महल देखा उन्होंने कहा यही आप का घर है। मैंने उनसे कहा बारकल्लाह फ़ीकुमा (अल्लाह तुम दोनों में बरकत दे) मुझे छोड़ो, में उसके अंदर जाऊं। उन्होंने कहा अभी नही लेकिन बाद में तशरीफ़ लें आएंगे।
मैंने उनसे पूछा, आज रात अजीब चीज़ें देखी, ये क्या है ? उन्होंने मुझ से कहा अब हम आप को बताते हैं। पहला शख्स जिस के पास से आप गुज़रे और उसका सर पत्थर से कुचला जा रहा था यह वो है जो क़ुरआन सीखता है और उसको छोड़ देता है (न पढ़ता है, न अमल करता है) और फ़र्ज़ नमाज़ छोड़कर सो जाता है। दूसरा वो शख्स जिस के पास से आप गुज़रे जिसके जबड़े, नथुने और आंख को गुद्दी तक चीरा जा रहा था, यह वह है जो सुबह घर से निकलकर झूट बोलता है और वो झूठ दुनिया में फैल जाता है। तीसरा वे नंगे मर्द और औरतें, जिन्हें आपने तन्नूर में जलते देखा था ज़िनाकार मर्द और औरतें हैं। चौथे वह शख्स जिसके पास से आप गुज़रे जो नहर में तैर रहा था और उसके मुँह में पत्थर डाले जा रहे थे सूदखोर है। पांचवा वह बदसूरत आदमी जो आग जला रहा था और उसके चारों तरफ दौड़ रहा था जहन्नुम का दारोगा है जिसका नाम मालिक है। छठे वह साहब जो बाग में थे हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम हैं और वो बच्चे जो उनके चारो तरफ थे, ये वो हैं जो बचपन ही में फ़ितरत (इस्लाम) पर मर गए। उस पर किसी सहाबी ने पूछा या रासूलुल्लाह मुशरिकीन के बच्चों का क्या होगा ? आप ने फरमाया मुशरिकीन के बच्चे भी वहीं थे। और वो लोग जिनका आधा जिस्म खूबसूरत और आधा जिस्म बदसूरत था, ये वह लोग हैं जिन्होंने अच्छे अमल के साथ साथ बुरे अमल किए, अल्लाह तआला ने उनके गुनाह माफ कर दिए। (बुखारी)
Thanks for sharing a important hadees
ReplyDeleteSubhaanAllah
ReplyDeleteSubhaanAllah.. realy a good hadees
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